Vishnu Aarti PDF in Hindi Download | भगवान विष्णु जी की आरती

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हिंदू धर्म में, भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनकर्ता और संरक्षक के रूप में जाना जाता है। विष्णु जी की पूजा करने के लिए कई तरह की आरतीयां की जाती हैं, जिनमें से एक है “विष्णु जी की आरती”(Vishnu Aarti)। यह सुबह के समय उठने के बाद की जाने वाली एक सरल आरती है, जो भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने और दिन की शुरुआत शुभ बनाने के लिए की जाती है।

Vishnu Aarti PDF in Hindi

भगवान विष्णु जी की आरती | Vishnu Aarti in Hindi

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
 
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥
 
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥
 
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥
 
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥
 
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥
 
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥
 
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥
 
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥
 
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥ 

Vishnu Aarti PDF Download

विष्णु आरती करने की विधि:

सामग्री:

  • दीपक
  • घी
  • कपूर
  • फूल
  • फल
  • मिठाई
  • पान
  • सुपारी
  • धूप
  • दीपदान
  • चंदन

विष्णु आरती विधि:

  1. स्नान: सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. पूजा स्थान: एक चौकी पर स्वच्छ कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखें।
  3. आसन: मूर्ति या तस्वीर के सामने आसन बिछाकर बैठें।
  4. आह्वान: भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए उन्हें पूजा के लिए आमंत्रित करें।
  5. पंचामृत स्नान: पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल) से भगवान विष्णु का स्नान कराएं।
  6. वस्त्र अर्पण: भगवान विष्णु को वस्त्र अर्पण करें।
  7. आभूषण अर्पण: भगवान विष्णु को आभूषण अर्पण करें।
  8. फूल अर्पण: भगवान विष्णु को फूल अर्पण करें।
  9. फल अर्पण: भगवान विष्णु को फल अर्पण करें।
  10. मिठाई अर्पण: भगवान विष्णु को मिठाई अर्पण करें।
  11. पान-सुपारी अर्पण: भगवान विष्णु को पान-सुपारी अर्पण करें।
  12. धूप: भगवान विष्णु को धूप दिखाएं।
  13. दीपदान: भगवान विष्णु को दीपदान करें।
  14. आरती: आरती की थाली में दीपक, कपूर, और फूल रखें और आरती गाएं।
  15. प्रार्थना: भगवान विष्णु से अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें।
  16. प्रसाद वितरण: प्रसाद ग्रहण करें और दूसरों को भी वितरित करें।

नोट:

  • आप अपनी सुविधानुसार आरती का समय और स्थान चुन सकते हैं।
  • आप अपनी श्रद्धा और क्षमतानुसार सामग्री का चयन कर सकते हैं।
  • आरती करते समय ध्यान केंद्रित करें और भगवान विष्णु के प्रति भक्ति भाव रखें।

विष्णु आरती करने के लाभ:

आध्यात्मिक लाभ:

  • भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है: विष्णु आरती करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं।
  • मन को शांति मिलती है: आरती करने से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है।
  • नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है: आरती की ज्योति नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
  • मोक्ष की प्राप्ति: विष्णु आरती करने से मोक्ष प्राप्ति की संभावना बढ़ती है।

भौतिक लाभ:

  • सुख-समृद्धि में वृद्धि: विष्णु आरती करने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
  • रोगों से मुक्ति: आरती करने से रोगों से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य अच्छा होता है।
  • शत्रुओं पर विजय: विष्णु आरती करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
  • सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं: विष्णु आरती करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

विशेष लाभ:

  • गुरुवार का दिन: गुरुवार को विष्णु आरती करने का विशेष महत्व है।
  • विष्णु जी के मंदिर में: विष्णु जी के मंदिर में आरती करने से विशेष लाभ मिलता है।
  • पूर्ण श्रद्धा और भक्तिभाव से: आरती पूर्ण श्रद्धा और भक्तिभाव से करनी चाहिए।

निष्कर्ष:

विष्णु आरती करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यह आध्यात्मिक और भौतिक दोनों तरह से लाभकारी है।


विष्णु जी की आरती: 4 महत्वपूर्ण प्रश्न

1. विष्णु जी की आरती का क्या महत्व है?

विष्णु जी की आरती का महत्व सुबह की शुरुआत को शुभ और मंगलमय बनाना है। माना जाता है कि इस आरती को करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है, जिससे पूरे दिन सकारात्मकता और सफलता बनी रहती है।

2. विष्णु जी की आरती करने के लिए क्या सामग्री चाहिए?

विष्णु जी की आरती के लिए आपको एक थाली, दीपक (घी या तेल का), अगरबत्ती, फूल, तुलसी की पत्तियां (यदि उपलब्ध हों) और जल की आवश्यकता होती है।

3. विष्णु जी की आरती सिर्फ सुबह ही क्यों की जाती है?

हालांकि विष्णु जी की आरती किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन सुबह के समय करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि दिन की शुरुआत में भगवान का स्मरण करने से पूरे दिन उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

4. क्या आरती के लिए मंदिर जाना जरूरी है?

विष्णु जी की आरती के लिए मंदिर जाना जरूरी नहीं है। आप अपने घर में ही भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर आरती कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण है कि आप श्रद्धा और भक्ति भाव से आरती करें।


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