Santoshi Mata ki Aarti Lyrics in Hindi

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संतोषी माता (Santoshi Mata) की आरती एक प्रचलित और प्रभावशाली आरती है, जो हिंदू धर्म में संतोषी माता की पूजा के समय गाई जाती है। संतोषी माता श्री गणेश की पुत्री और श्री विष्णु की भक्त हैं। उन्हें संतोष, शांति और समृद्धि की देवी के रूप में जाना जाता है। उनकी पूजा करने से हमें उनका आशीर्वाद मिलता है और हमारे जीवन में संतोष, शांति और समृद्धि आती है।

Santoshi Mata ki Aarti


संतोषी माता की आरती का पूरा पाठ नीचे दिया गया है:

सन्तोषी माता आरती | Jai Santoshi Mata ki Aarti Lyrics

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पति दाता ॥जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

सुन्दर चीर सुनहरी,
मां धारण कीन्हो ।
हीरा पन्ना दमके,
तन श्रृंगार लीन्हो ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

गेरू लाल छटा छबि,
बदन कमल सोहे ।
मंद हंसत करुणामयी,
त्रिभुवन जन मोहे ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

स्वर्ण सिंहासन बैठी,
चंवर दुरे प्यारे ।
धूप, दीप, मधु, मेवा,
भोज धरे न्यारे ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

गुड़ अरु चना परम प्रिय,
तामें संतोष कियो ।
संतोषी कहलाई,
भक्तन वैभव दियो ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

शुक्रवार प्रिय मानत,
आज दिवस सोही ।
भक्त मंडली छाई,
कथा सुनत मोही ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

मंदिर जग मग ज्योति,
मंगल ध्वनि छाई ।
विनय करें हम सेवक,
चरनन सिर नाई ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

भक्ति भावमय पूजा,
अंगीकृत कीजै ।
जो मन बसे हमारे,
इच्छित फल दीजै ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

दुखी दारिद्री रोगी,
संकट मुक्त किए ।
बहु धन धान्य भरे घर,
सुख सौभाग्य दिए ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

ध्यान धरे जो तेरा,
वांछित फल पायो ।
पूजा कथा श्रवण कर,
घर आनन्द आयो ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

चरण गहे की लज्जा,
रखियो जगदम्बे ।
संकट तू ही निवारे,
दयामयी अम्बे ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

सन्तोषी माता की आरती,
जो कोई जन गावे ।
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति,
जी भर के पावे ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पति दाता ॥

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संतोषी माता की आरती कैसे करें

संतोषी माता की आरती करने के लिए, आपको निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:

  • एक दीपक
  • घी या तेल
  • फूल
  • अगरबत्ती
  • फल
  • मिठाई

सबसे पहले, दीपक में घी या तेल डालकर जला लें। फिर, फूल, अगरबत्ती, फल और मिठाई देवी को अर्पित करें। इसके बाद, आरती का पाठ करें। आरती के बाद, देवी से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।

शुक्रवार का महत्व

शुक्रवार को संतोषी माता का विशेष दिन माना जाता है। इस दिन उनकी आरती करने से विशेष फल प्राप्त होता है। यदि आप संतोषी माता की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो शुक्रवार को उनकी आरती अवश्य करें।

संतोषी माता की आरती का महत्व और लाभ


संतोषी माता की आरती करने का महत्व और लाभ नीचे बताया गया है:

  • संतोषी माता की आरती करने से हमें उनका आशीर्वाद मिलता है और हमारे जीवन में संतोष, शांति और समृद्धि आती है। संतोषी माता की आरती से हमारे मन को शुद्ध और पवित्र बनाती है और हमारे सारे कष्ट और बाधाओं को दूर करती है।
  • संतोषी माता की आरती से हमारा विश्वास और आत्मविश्वास बढ़ता है और हमारे सारे काम सफल होते हैं। संतोषी माता की आरती हमें धैर्य, सहनशीलता और कर्मठता का गुण देती है।
  • संतोषी माता की आरती करने का सबसे अच्छा समय शुक्रवार का दिन है, क्योंकि यह उनका प्रिय दिन है। शुक्रवार को व्रत रखकर और उनकी आरती गाकर हमें उनकी कृपा मिलती है।
  • संतोषी माता की आरती करने के लिए कुछ नियम और शर्तें हैं, जिन्हें हमें पालना चाहिए। जैसे कि, हमें आरती के पहले और बाद में उनके नाम का जाप करना चाहिए, हमें उनके लिए गुड़ और चना का भोग लगाना चाहिए, हमें आरती के दौरान दीपक और धूप जलाना चाहिए, हमें आरती के बाद उनके चरणों में शीश झुकाना चाहिए, और हमें आरती के बाद उनके भक्तों को प्रसाद बांटना चाहिए।

निष्कर्ष

संतोषी माता सुख, समृद्धि और संतोष प्रदान करने वाली देवी हैं। शुक्रवार को उनकी आरती करने से विशेष फल प्राप्त होता है। यदि आप संतोषी माता की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो शुक्रवार को उनकी आरती आरती अवश्य करें।

संतोषी माता व्रत कथा
शुक्रवार संतोषी माता व्रत कथा

FAQs

1. संतोषी माता की आरती करने का सबसे अच्छा दिन कौन सा है?

संतोषी माता की आरती किसी भी दिन की जा सकती है, लेकिन शुक्रवार को उनका विशेष दिन माना जाता है। इस दिन उनकी आरती करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

2. संतोषी माता को क्या अर्पित किया जाता है?

संतोषी माता को आप फूल, अगरबत्ती, फल, मिठाई आदि अर्पित कर सकते हैं।

3. संतोषी माता की आरती कैसे करें?

सबसे पहले, दीपक में घी या तेल डालकर जला लें। फिर, फूल, अगरबत्ती, फल और मिठाई देवी को अर्पित करें। इसके बाद, आरती का पाठ करें। आरती के बाद, देवी से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।

4. संतोषी माता की कहानी क्या है?

संतोषी माता की कथा भगवान गणेश और माता पार्वती से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि भगवान गणेश और माता पार्वती ने संतोषी माता को अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया था। संतोषी माता ने अपनी भक्ति और तपस्या से भगवान शिव को प्रसन्न किया और उनसे मनोवांछित वर प्राप्त किया।


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