आरती हिंदू धर्म में पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। भगवानमहाकाल (Mahakal) को समर्पित महाकाल आरतीLyrics भक्तों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है। यह आरती भगवान शिव के प्रति समर्पण और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक तरीका है।
महाकाल आरती का अर्थ है महाकाल की स्तुति। यह आरती भगवान शिव के विभिन्न नामों, गुणों और कार्यों का वर्णन करती है। आरती के दौरान, भक्त दीपक, फूल, धूप और अन्य सामग्री अर्पित करते हैं।
महाकाल की आरती | Jai Shiv Jai Mahakal Aarti Lyrics
ॐ जय शिव जय महाकाल, स्वामी जय शम्भू महाकाल, ज्योतिर्लिंग स्वरूपा, ज्योतिर्लिंग स्वरूपा, तुम कालो के काल, ओम जय शिव जय महाकाल।।
तर्ज – ॐ जय शिव ओमकारा।
बारह ज्योतिर्लिंग में, महिमा बड़ो है नाम, क्षिप्रा तट उज्जैन में, महाकाल को धाम, ओम जय शिव जय महाकाल।।
तुम भीमेश्वर देवा, तुम काशी विश्वनाथ, गोमती तट त्रयंभकेश्वर, दारूकवन नागनाथ, ओम जय शिव जय महाकाल।।
हाथ जोड़ तेरे द्वारे, काल खड़ा लाचार, सुर नर असुर चराचर, सब के हो करतार, ओम जय शिव जय महाकाल।।
चिता भस्म से तेरो, नित नित हो श्रृंगार, भक्तन का मन मोहे, तेरो रूप निहार, ओम जय शिव जय महाकाल।।
भस्म आरती तेरी, अद्भुत है भगवन, भाग्यवान नर नारी, पाएं शुभ दर्शन, ओम जय शिव जय महाकाल।।
साथ में गणपति गौरा, कार्तिक है देवा, द्वार खड़े है नंदी, नित उठ करे सेवा, ओम जय शिव जय महाकाल।।
जो जन तेरा दर्शन, श्रद्धा से कर जाए, मौत अकाल ना आए, सुख वैभव पा जाए, ओम जय शिव जय महाकाल।।
महाकाल की आरती, जो नर नारी गाए, कहत ‘महेश’ प्रभु से, मन इच्छा फल पाए, ओम जय शिव जय महाकाल।।
ॐ जय शिव जय महाकाल, स्वामी जय शम्भू महाकाल, ज्योतिर्लिंग स्वरूपा, ज्योतिर्लिंग स्वरूपा, तुम कालो के काल, ओम जय शिव जय महाकाल।।
महाकाल आरती कब और कैसे करें | Mahakal Aarti time
महाकाल आरती किसी भी समय की जा सकती है, खासकर सुबह या शाम में करना शुभ माना जाता है।
आप अपने घर के मंदिर में या किसी भी शिव मंदिर में आरती कर सकते हैं।
सबसे पहले दीपक जलाएं, फिर भगवान शिव को जल, बेलपत्र, धतूरा और भांग आदि अर्पित करें।
आरती के मंत्रों का उच्चारण करते हुए, दीपक को घुमाएं।
आरती के बाद, प्रसाद वितरित करें।
महाकालआरतीकेलाभ:
भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि:आरती भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा को बढ़ाती है।
पापों का नाश:आरती के दौरान जप किए गए मंत्रों से पापों का नाश होता है।
मन की शांति:आरती मन को शांति और आनंद प्रदान करती है।
सकारात्मक ऊर्जा:आरती से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
इच्छाओं की पूर्ति:आरती से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और इच्छाओं की पूर्ति होती है।
महाकाल आरती का महत्व:
भगवान शिव के महाकाल स्वरूप की पूजा-आराधना का एक महत्वपूर्ण माध्यम।
आरती का दीपक, ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक है, जो भक्तों को अंधकार से दूर करने का आशीर्वाद देता है।
मंत्र, भगवान शिव के गुणों और महिमा का वर्णन करते हैं, जिससे भक्ति भाव जागृत होता है।
आरती करने से मन में एकाग्रता और शांति प्राप्त होती है।
भगवान शिव की कृपा से कष्ट दूर होते हैं और मनोबल बढ़ता है।
महाकाल आरती करते समय ध्यान देने योग्य बातें:
आरती करते समय मन शुद्ध और एकाग्र होना चाहिए।
मंत्रों का उच्चारण श्रद्धापूर्वक और स्पष्ट रूप से करें।
ध्यान रखें कि आरती के दीपक से किसी को कोई नुकसान न पहुंचे।
निष्कर्ष:
महाकाल आरती भगवान शिव की भक्ति और आराधना का एक सरल और प्रभावी तरीका है। नियमित रूप से महाकाल आरती करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
उत्तर: महाकाल आरती का अर्थ है महाकाल की स्तुति करना। यह आरती भगवान शिव के विभिन्न नामों, गुणों और कार्यों का वर्णन करती है।
महाकाल आरती के क्या लाभ हैं?
उत्तर: महाकाल आरती के कई लाभ हैं, जैसे: भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि पापों का नाश मन की शांति सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह इच्छाओं की पूर्ति
महाकाल आरती कब की जाती है?
उत्तर: महाकाल आरती दो बार की जाती है: सुबह के समय – मंगला आरती शाम के समय – शाम की आरती
महाकाल आरती कहाँ की जाती है?
उत्तर: महाकाल आरती सभी शिव मंदिरों में की जाती है। लेकिन, यह आरती मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
महाकाल आरती का महत्व क्या है?
उत्तर: महाकाल आरती का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह आरती भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। यह आरती भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद करती है।