जय जय जगन्नाथ शचीर नन्दन Lyrics | Jai Jai Jagannath Sachidananda Lyrics in Hindi

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नमस्कार मित्रों और भक्तों!, जय जय जगन्नाथ (Jai Jai Jagannath)

आज का दिन बहुत ही शुभ है, क्योंकि आज हम भगवान जगन्नाथ का जयघोष कर रहे हैं। भगवान जगन्नाथ को ओडिशा में पुरी धाम में विराजमान माना जाता है, और उन्हें हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक माना जाता है।

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भगवान जगन्नाथ की कहानी:

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा का त्रिमूर्ति रूप है। वह भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ द्वारका से पुरी आए थे, और वहीं पर विराजमान हुए थे।

जय जय जगन्नाथ शचीर नन्दन | Jai Jai Jagannath Sachidananda

(1) जय जय जगन्नाथ शचीर नन्दन। त्रिभूवने करे जार चरण वन्दन।।

अर्थ– जगन्नाथ मिश्र एवम शची देवी के प्रिय पुत्र की जय हो,जय हो। समस्त तीनो लोक उनके चरण कमल में वंदन करते हैं। 

(2) निलाचले शंख-चक्र-गदा-पद्म-धर। नदीया नगरे दण्ड-कमण्डलु-धर।।

अर्थ– नीलाचल में वे शंख, चक्र, गदा और कमल पुष्प धारण करते हैं, जबकि नदिया नगर में वे एक संन्यासी का डंडा और कमंडलु धारण किए रहते हैं।

(3) केह बोले पूरबे रावण वधिला। गोलोकेर वैभव लीला प्रकाश करिला।।

अर्थ– ऐसा कहा गया हैं कि प्राचीन समय में भगवान रामचंद्र के रूप में, उन्होंने रावण का वध किया था।तब उसके पश्चात् भगवान कृष्ण के रूप में ,उन्होंने वैभव ऐश्वर्य पूर्ण गोलोक की लीलाएं प्रदर्शित की।

(4) श्री-राधार भावे एबे गोरा अवतार। हरे कृष्ण नाम गौर करिला प्रचार।।

अर्थ– अब वे पुन: भगवान गौरांग के रूप में आए हैं, गौर वर्ण अवतार श्री राधिका के प्रेम व परम आनंदित भाव से युक्त और पवित्र भगवन्नामो तथा हरे कृष्ण महामंत्र के कीर्तन का चारो ओर प्रसार किया हैं।

(5) वासुदेव घोष बोले करि जोड हाथ। जेइ गौर सेइ कृष्ण सेइ जगन्नाथ।।

अर्थ– वासुदेव घोष दोनो हाथ जोड़ कर कहते हैं ” वे जो गौर हैं, वही कृष्ण हैं, और वही भगवान जगन्नाथ हैं।”

रथ यात्रा उत्सव:

भगवान जगन्नाथ का सबसे प्रसिद्ध उत्सव रथ यात्रा है, जो हर साल पुरी में आयोजित किया जाता है। इस उत्सव में भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की विशाल मूर्तियों को भव्य रूप से सजाए गए रथों में विराजमान कराया जाता है। लाखों श्रद्धालु इन रथों को खींचते हुए मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक ले जाते हैं। यह उत्सव भारत के साथ-साथ दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

भगवान जगन्नाथ का महत्व:

भगवान जगन्नाथ को सृष्टि के पालनकर्ता और मोक्षदाता के रूप में माना जाता है। उनके भक्त उनसे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। भगवान जगन्नाथ का जप करने से मन को शांति मिलती है और भक्तों में भक्ति भाव जाग्रत होता है।

आप कैसे मना सकते हैं जय जगन्नाथ:

  • अपने घर पर भगवान जगन्नाथ की पूजा करें और उन्हें भोग लगाएं।
  • “जय जगन्नाथ” का जाप करें और भगवान का ध्यान करें।
  • गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें।
  • अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर भगवान जगन्नाथ के भजनों का आनंद लें।

जय जगन्नाथ!

इस शुभ दिन पर, आइए हम सभी भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त करें और उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करें।


1. भगवान जगन्नाथ कौन हैं?

भगवान जगन्नाथ को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। उन्हें हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक माना जाता है। उन्हें त्रिमूर्ति रूप में भी जाना जाता है, जिसमें वे बलराम और सुभद्रा के साथ विराजमान होते हैं।

2. रथ यात्रा का क्या महत्व है?

रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा का एक वार्षिक उत्सव है, जो पुरी में मनाया जाता है। इस उत्सव में, उनकी विशाल मूर्तियों को भव्य रूप से सजाए गए रथों में विराजमान कराकर लाखों श्रद्धालुओं द्वारा खींचा जाता है। यह उत्सव भगवान जगन्नाथ के भक्तों के लिए आस्था और खुशी का प्रतीक है।

3. भगवान जगन्नाथ को कौन से भोग प्रिय हैं?

भगवान जगन्नाथ को कई तरह के भोग प्रिय हैं, जिनमें पंचामृत, खिचड़ी, आलू पोस्टो, भाग्या, चनागुर आदि शामिल हैं। आप उन्हें अपने मनपसंद के व्यंजन भी चढ़ा सकते हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप उन्हें शुद्ध मन और श्रद्धा के साथ भोग अर्पित करें।

4. भगवान जगन्नाथ से जुड़ी कोई कहानी बताएं?

एक प्रसिद्ध कहानी में, एक गरीब किसान मंदिर में भगवान को कुछ चढ़ाने के लिए नहीं ला सका। दुखी होकर उसने मंदिर के बाहर रेत उठाई और उसे भगवान को चढ़ा दिया। पुजारी ने क्रोधित होकर उसे डांटा, लेकिन उसी समय भगवान जगन्नाथ की मूर्ति से प्रकाश निकला और रेत सोने में बदल गई। इससे पता चलता है कि भगवान भक्त की भावना को देखते हैं, न कि उसके चढ़ावे को।

5. हम जय जगन्नाथ का जश्न कैसे मना सकते हैं?

आप अपने घर पर भगवान जगन्नाथ की पूजा कर सकते हैं, उनका जप कर सकते हैं, जरूरतमंदों की मदद कर सकते हैं, और अपने परिवार और दोस्तों के साथ भगवान जगन्नाथ के भजनों का आनंद ले सकते हैं। जय जगन्नाथ!


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