Devi Gayatri Chalisa Hindi Lyrics / देवी गायत्री चालीसा हिंदी Lyrics

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Table of Contents

परिचय | Introduction

क्या आपने कभी कोई ऐसा प्राचीन भजन देखा है जो आपकी आत्मा की गहराई तक गूंजता हो? खैर, देवी गायत्री चालीसा एक ऐसा आध्यात्मिक खजाना है।

Devi Gayatri Chalisa Hindi Lyrics 
देवी गायत्री चालीसा हिंदी Lyrics

देवी गायत्री कौन हैं?

देवी गायत्री, जिन्हें अक्सर पाँच चेहरों और दस हाथों के साथ चित्रित किया जाता है, सार्वभौमिक माँ का अवतार हैं। उन्हें वेदों की माता और ब्रह्म के सर्वव्यापी ज्ञान की मूर्ति के रूप में पूजा जाता है। दिव्य लगता है, है ना?

हिन्दू धर्म में चालीसा का महत्व

चालीसा‘ अनिवार्य रूप से 40 छंदों वाली प्रार्थना है, जो हिंदू देवताओं के विभिन्न देवताओं को समर्पित है। इसका उद्देश्य? दिव्य आशीर्वाद, सुरक्षा और मार्गदर्शन का आह्वान करने के लिए।

देवी गायत्री चालीसा की सुंदरता का अनावरण | Unveiling the Beauty of Devi Gayatri Chalisa

अपनी ऐतिहासिक जड़ों से लेकर गहन छंदों तक, देवी गायत्री चालीसा भक्ति और विश्वास की यात्रा है।

ऐतिहासिक उत्पत्ति

हालाँकि सटीक उत्पत्ति रहस्य में डूबी हुई है, कई लोगों का मानना है कि चालीसा प्राचीन ऋषियों द्वारा लिखी गई थी क्योंकि उन्हें देवी गायत्री की उज्ज्वल उपस्थिति महसूस हुई थी।

पारंपरिक छंद और उनके अर्थ

चालीसा का प्रत्येक श्लोक देवी गायत्री के सार को समाहित करता है, ज्ञान, समृद्धि और सुरक्षा के लिए उनके आशीर्वाद का आह्वान करता है। क्या आपने कभी यह मुहावरा सुना है, “अनुवाद में खो गया?” अधिक गहरे संबंध के लिए इन छंदों के मूल इरादे को समझना आवश्यक है।

जप के लाभ

माना जाता है कि चालीसा का जाप बाधाओं को दूर करता है, किसी के मार्ग को रोशन करता है और भक्त को दिव्य चेतना के करीब लाता है। इसे एक ऐसी आवृत्ति में ट्यूनिंग के रूप में सोचें जहां केवल शांति और सकारात्मकता का राज हो।

देवी गायत्री चालीसा का पाठ कैसे करें | How to Recite Devi Gayatri Chalisa

तो, क्या आप मंत्रोच्चार में डूबने के लिए तैयार हैं? आएँ शुरू करें!

पाठ की तैयारी

शांत वातावरण सुनिश्चित करें. शायद दीपक या धूप जलाएं. आराम से बैठें, अधिमानतः पूर्व की ओर मुख करके, और कुछ गहरी साँसें लें। खिंचाव महसूस करें?

पाठ करने का सर्वोत्तम समय

सुबह और शाम को सबसे शुभ माना जाता है। लेकिन याद रखें, इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि आपकी भक्ति महत्वपूर्ण है, घड़ी नहीं।

सही उच्चारण और स्वर

हालाँकि शब्दों का सही उच्चारण करना महत्वपूर्ण है, तनाव न लें! समय के साथ, नियमित अभ्यास से, छंद एक मधुर नदी की तरह बहने लगेंगे।

दैनिक जीवन में देवी गायत्री चालीसा की शक्ति | The Power of Devi Gayatri Chalisa in Everyday Life

क्या आप कभी किसी ऐसे व्यक्ति से मिले हैं जो मंत्रोच्चार की परिवर्तनकारी ऊर्जा की कसम खाता हो?

चमत्कार और आशीर्वाद की कहानियाँ

कई भक्त चालीसा के नियमित पाठ के बाद चमत्कारी उपचार, सपने सच होने और अप्रत्याशित आशीर्वाद की कहानियाँ साझा करते हैं। संयोग? या दैवीय हस्तक्षेप?

मंत्र के उपचारात्मक गुण

माँ की लोरी की तरह, देवी गायत्री चालीसा में सुखदायक, उपचारात्मक गुण हैं। ऐसा माना जाता है कि यह मानसिक शांति, स्पष्टता और भावनात्मक शक्ति प्रदान करता है।

निष्कर्ष | Conclusion

देवी गायत्री चालीसा केवल छंदों के समूह से कहीं अधिक है; यह आशा की किरण है, सांत्वना का स्रोत है, और दिव्य साम्य का मार्ग है। इस आध्यात्मिक यात्रा पर निकलने के लिए तैयार हैं?

Devi Gayatri Chalisa Hindi Lyrics | देवी गायत्री चालीसा हिंदी Lyrics

!! गायत्री चालीसा !!


!! ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभा जीवन ज्योति प्रचण्ड,
शान्ति कान्ति जागृत प्रगति रचना शक्ति अखण्ड,
जगत जननी मङ्गल करनि गायत्री सुखधाम,
प्रणवों सावित्री स्वधा स्वाहा पूरन काम !!

!! भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी,
गायत्री नित कलिमल दहनी,
अक्षर चौविस परम पुनीता,
इनमें बसें शास्त्र श्रुति गीता !!

!! शाश्वत सतोगुणी सत रूपा,
सत्य सनातन सुधा अनूपा,
हंसारूढ सितंबर धारी,
स्वर्ण कान्ति शुचि गगन- बिहारी !!

!! पुस्तक पुष्प कमण्डलु माला,
शुभ्र वर्ण तनु नयन विशाला,
ध्यान धरत पुलकित हित होई,
सुख उपजत दुःख दुर्मति खोई !!

!! कामधेनु तुम सुर तरु छाया,
निराकार की अद्भुत माया,
तुम्हरी शरण गहै जो कोई,
तरै सकल संकट सों सोई !!

!! सरस्वती लक्ष्मी तुम काली,
दिपै तुम्हारी ज्योति निराली,
तुम्हरी महिमा पार न पावैं,
जो शारद शत मुख गुन गावैं !!

!! चार वेद की मात पुनीता,
तुम ब्रह्माणी गौरी सीता,
महामन्त्र जितने जग माहीं,
कोउ गायत्री सम नाहीं !!

!! सुमिरत हिय में ज्ञान प्रकासै,
आलस पाप अविद्या नासै,
सृष्टि बीज जग जननि भवानी,
कालरात्रि वरदा कल्याणी !!

!! ब्रह्मा विष्णु रुद्र सुर जेते,
तुम सों पावें सुरता तेते,
तुम भक्तन की भक्त तुम्हारे,
जननिहिं पुत्र प्राण ते प्यारे !!

!! महिमा अपरम्पार तुम्हारी,
जय जय जय त्रिपदा भयहारी,
पूरित सकल ज्ञान विज्ञाना,
तुम सम अधिक न जगमे आना !!

!! तुमहिं जानि कछु रहै न शेषा,
तुमहिं पाय कछु रहै न क्लेसा,
जानत तुमहिं तुमहिं व्है जाई,
पारस परसि कुधातु सुहाई !!

!! तुम्हरी शक्ति दिपै सब ठाई,
माता तुम सब ठौर समाई,
ग्रह नक्षत्र ब्रह्माण्ड घनेरे,
सब गतिवान तुम्हारे प्रेरे !!

!! सकल सृष्टि की प्राण विधाता,
पालक पोषक नाशक त्राता,
मातेश्वरी दया व्रत धारी,
तुम सन तरे पातकी भारी !!

!! जापर कृपा तुम्हारी होई,
तापर कृपा करें सब कोई,
मंद बुद्धि ते बुधि बल पावें,
रोगी रोग रहित हो जावें !!

!! दरिद्र मिटै कटै सब पीरा,
नाशै दुःख हरै भव भीरा,
गृह क्लेश चित चिन्ता भारी,
नासै गायत्री भय हारी !!

!! सन्तति हीन सुसन्तति पावें,
सुख संपति युत मोद मनावें,
भूत पिशाच सबै भय खावें,
यम के दूत निकट नहिं आवें !!

!! जो सधवा सुमिरें चित लाई,
अछत सुहाग सदा सुखदाई,
घर वर सुख प्रद लहैं कुमारी,
विधवा रहें सत्य व्रत धारी !!

!! जयति जयति जगदंब भवानी,
तुम सम ओर दयालु न दानी,
जो सतगुरु सो दीक्षा पावे,
सो साधन को सफल बनावे !!

!! सुमिरन करे सुरूचि बडभागी,
लहै मनोरथ गृही विरागी,
अष्ट सिद्धि नवनिधि की दाता,
सब समर्थ गायत्री माता !!

!! ऋषि मुनि यती तपस्वी योगी,
सो सो मन वांछित फल पावें,
बल बुधि विद्या शील स्वभाउ,
धन वैभव यश तेज उछाउ !!

!! सकल बढें उपजें सुख नाना
जे यह पाठ करै धरि ध्याना !!
दोहा
यह चालीसा भक्ति युत पाठ करे जो कोई
तापार कृपा प्रसंता गायत्री की होय


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | FAQs

What is a Chalisa?

A 40-verse prayer dedicated to various Hindu deities.

Why is Devi Gayatri considered the mother of Vedas?

She personifies the all-encompassing knowledge of Brahman, which is the foundation of the Vedas.

How often should one recite the Gayatri Chalisa?

While daily recitation is beneficial, it’s the devotion that truly matters.

Can beginners recite the Chalisa?

Absolutely! With sincere intent, anyone can start their journey.

Is it mandatory to face east while chanting?

While traditional, it’s more symbolic. What’s key is the devotion and intent behind the chant.


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